पत्रकारिता आज चौराहे पर खड़ी है

पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है जो समाज में लोकतंत्र और पारदर्शिता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पत्रकार समाज के लिए एक आईना होते हैं, जो सच्चाई को उजागर करते हैं और गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। लेकिन आज, पत्रकारिता एक चौराहे पर खड़ी है। यह कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जो इसके भविष्य को खतरे में डाल रही हैं।

इन चुनौतियों में से एक है वित्तीय चुनौती। पत्रकारिता एक महंगा पेशा है, और प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। प्रिंट मीडिया की बिक्री में गिरावट आई है, और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए विज्ञापन राजस्व घट रहा है। इससे पत्रकारों की संख्या में कमी आ रही है, और पत्रकारिता की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।

दूसरी चुनौती है राजनीतिक दबाव। सरकारें और निजी कंपनियां अक्सर पत्रकारों पर दबाव डालती हैं कि वे उनके पक्ष में खबरें छापें। इससे पत्रकारिता का भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, और पत्रकारों की स्वतंत्रता को खतरा है।

तीसरी चुनौती है तकनीकी चुनौती। इंटरनेट और सोशल मीडिया ने पत्रकारिता के तरीके को बदल दिया है। अब हर कोई खबरें लिख सकता है, और यह फर्जी खबरों और भ्रामक जानकारी के प्रसार को बढ़ावा दे रहा है। इससे पत्रकारिता की विश्वसनीयता को नुकसान हो रहा है।

इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, पत्रकारिता को कुछ बदलावों की आवश्यकता है। पत्रकारों को अपने काम में अधिक निष्पक्ष और ईमानदार होना चाहिए। उन्हें जनता के प्रति अधिक जवाबदेह होना चाहिए। और उन्हें तकनीक का उपयोग करके अपनी रिपोर्टिंग को अधिक प्रभावी बनाना चाहिए।

यदि पत्रकारिता इन चुनौतियों का सामना करने में सफल होती है, तो यह एक मजबूत और स्वस्थ पेशा बन सकती है। यह समाज में लोकतंत्र और पारदर्शिता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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SUDHA

Journalism Student, Part time Artist, Content creater